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बिक्री

खुली बाजार बिक्री योजना(घरेलू)

खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) OMSS(D)

 

भारतीय खाद्य निगम गेहूँ और चावल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए समय-समय पर खुले बाजार में पूर्व निर्धारित मूल्यों पर, विशेषकर कमी वाले समय के दौरान खुले बाजार में कीमतें सामान्य करने के लिए गेहूँ और चावल का निर्गम करता है ।

            वर्तमान में, भारतीय खाद्य निगम थोक उपभोक्ताओं/ प्राईवेट व्यापारियों को गेहूँ और कच्चे चावल ग्रेड 'ए' की बिक्री ई-नीलामी के माध्यम से कर रहा है ।

            यदि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं (OMS) के अतिरिक्त गेहूँ और चावल की आवश्यकता होती है, तो बिना पेनल बनाए और बिना बयाना राशि जमा किए राज्य सरकारों/ केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासनों को भी ई-नीलामी में भाग लेने की अनुमति दी गई है। राज्य सरकारों को ई-नीलामी के लिए भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से NSPOT के साथ रजिस्टर कराना और बोली में भाग लेने के लिए यूजर आई डी और पासवर्ड प्राप्त करना जरूरी होगा ।

            किसी राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र के लिए किसी एक क्षेत्र द्वारा आयोजित ई-नीलामी में एक थोक उपभोक्ता/ व्यापारी, गेहूँ की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा क्रमशः 100 मीट्रिक टन और 5000 मीट्रिक टन के लिए बोली लगा सकता है । राज्यों के लिए ई-नीलामी की सीमा 100 मीट्रिक टन से 40000 मीट्रिक टन तक प्रति राज्य निर्धारित की गई है ।

            किसी राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र के लिए किसी क्षेत्र द्वारा आयोजित ई-नीलामी में एक थोक उपभोक्ता / व्यापारी कच्चा चावल ग्रेड-'ए' की न्यूनतम और अधिकतम मात्रा क्रमशः 50 मीट्रिक टन और 3500 मीट्रिक टन के लिए बोली लगा सकता है । राज्यों के लिए प्रति ई-नीलामी की सीमा 50 मीट्रिक टन से 15000 मीट्रिक टन तक प्रति राज्य निर्धारित की गई है ।

            खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के मौजूदा स्वरूप में निम्नलिखित 3 स्कीम शामिल हैं:

(i)    ई-नीलामी के माध्यम से थोक उपभोक्ताओं / प्राईवेट व्यापारियों को गेहूँ की बिक्री ।

(ii)  समर्पित परिचालन द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से थोक उपभोक्ताओं / प्राईवेट व्यापारियों को गेहूँ की बिक्री ।

(iii) ई-नीलामी द्वारा उपभोक्ताओं / प्राईवेट व्यापारियों को कच्चा चावल ग्रेड-'ए' की बिक्री ।

 

कीमतें:

(i)    गेहूँ: वर्तमान में पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश राज्यों में, गेहूँ का आरक्षित मूल्य 1640/-रुपये प्रति क्विंटल है । पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के बाहर स्थित भारतीय खाद्य निगम के डिपुओं के लिए, डिपो-वार गेहूँ का आरक्षित मूल्य 1640/- रुपये प्रति क्विंटल है और लुधियाना से निकटतम रेल हैड तक रेलवे फ्रेट और ऐसे रेल हैड से डिपो तक की सड़क परिवहन लागत अतिरिक्त है।

 

(ii)  कच्चा चावल ग्रेड '': रू. 2400/- प्रति क्विंटल और लागू कर ।

 

            प्रातिस्पर्धा और प्रभाविकता बढ़ाने के लिए, भारतीय खाद्य निगम ने मेसर्स नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) स्पॉट एक्सचेंज मुम्बई के माध्यम से अगस्त 2014 में खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत गेहूँ की ई-नीलामी की शुरूआत की ।

 

            वर्ष 2015-16 के दौरान भारत सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम को यह अधिकार दे दिया कि उसके पास प्रत्येक तिमाही की शुरुआत में केन्द्रीय पूल में खाद्यान यदि निर्धारित स्टोकिंग नोर्म्स से अधिक हो तो उसे  थोक क्रेता स्कीम (बल्क बायर स्कीम)/ निजी ट्रेडेरेर्स को खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू)  के तहत ई-निविदा द्वारा बेचकर कम कर सकता है। भारतीय खाद्य निगम गेहूं की   ई –निविदा के द्वारा गेहूँ के समर्पित परिचालन (Dedicated Movement) योजना में पंजाब, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश के एजेंसी डीपुओं से भी कर सकता है।

 

             वर्ष 2016-17 ( जुलाई  2016 के चौथे  टेंडर तक)  के दौरान खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत 9.92  लाख मीट्रिक टन गेहूँ एवं 0.30 लाख मीट्रिक टन चावल की कुल मात्रा बेची गई जिसकी तुलना में वर्ष 2015-16 में जिसमें थोक क्रेता स्कीम (बल्क बायर स्कीम) के तहत 70.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं एवं 1.11 लाख टन चावल की मात्रा शामिल है ।

 

            पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश राज्यों में अगस्त 2014 के दौरान, खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत गेहूँ के समर्पित परिचालन (Dedicated Movement) की शुरूआत हुई । वर्ष 2015-16 में समर्पित परिचालन के लिए 26.63  लाख मीट्रिक टन अर्थात् 1005 रेक की कुल मात्रा का अनुमोदन प्रदान किया गया जिसमें पंजाब 1.88 लाख मीट्रिक टन, हरियाणा में 1.19 लाख मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 23.56 लाख मीट्रिक टन की मात्रा शामिल है । वर्ष 2016-17 के दौरान गेहूँ के समर्पित परिचालन (Dedicated Movement) की शुरुआत 1 जुलाई 2016 से की गई जिसके तहत पंजाब राज्य से ( जुलाई  2016 के चौथे  टेंडर तक)  0.16 लाख टन गेहूँ बेचा गया।