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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013

राष्ट्रिय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उद्देस्य लोगो को सस्ती दर पर पर्याप्त मात्रा मे खाद्यान्न उपलब्ध कराना है ताकि उन्हे खाद्य एवं पोषण सुरक्षा मिले और वे सम्मान के साथ जी सके।

1. प्रारंभ :    5 जुलाई, 2013

2. खाद्य सुरक्षा के प्रावधान:

 लाभार्थियों की कवरेज / पहचान

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों  की 75% आबादी तक और शहरी क्षेत्रों की 50% आबादी को खाद्य सुरक्षा के लिए पात्र परिवारों के रूप में पहचाना जा सकता है। पात्र परिवारों की पहचान दो श्रेणियों में की जाएगी-

  • अंत्योदय अन्न योजना के तहत कवर्ड परिवार (25 दिसंबर, 2000 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अंत्योदय अन्न योजना स्कीम के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए केन्द्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट तय सीमा तक पहचाने गए परिवार)।

  • प्राथमिक परिवार (संबंधित राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार पहचाने गए परिवार)।

सामान्य व्यक्तियों के लिए पात्रताएं

अंत्योदय अन्न योजना के तहत आने वाले प्रत्येक परिवार प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न पाने का पात्र होगा।

प्राथमिक परिवार से संबंधित हर व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न पाने का पात्र होगा।

यह खाद्यान्न, चावल 3 रु. प्रति किलोग्राम, गेहूं 2 रु. प्रति किलोग्राम और मोटे अनाज 1 रु. प्रति किलोग्राम के मूल्यों पर मुहैया कराया जाएगा।

महिलाओं के लिए पात्रताएं

 केन्द्र सरकार या राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रम में नियमित रूप से रोजगार या किसी भी कानून के तहत इस तरह के कोई भी लाभ ले रही हैं गर्भवती महिलाओ व स्तनपान कराने वाली मताए को छोडकर प्रत्येक गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली मताए पात्र होंगी :-

(क) गर्भावस्था एवं बच्चे के जन्म के छः महीने बाद तक, स्थानीय आंगनवाड़ी के माध्यम से निःशुल्क आहार।

(ख) केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित किस्तों में कम से कम 6000/- रूपये का प्रसूति भत्ता ।

 बच्चों के लिए पात्रताएं

14 वर्ष तक के सभी बच्चों को अपने पोषक तत्वों की जरूरतों को पाने का अधिकार होगाः

(क) 6 माह से 6 वर्ष तक का प्रत्येक बच्चा स्थानीय आंगनबाड़ी के माध्यम से निःशुल्क उपयुक्त भोजन प्राप्त करने का पात्र होगा ।

(ख) बच्चों के मामले में, कक्षा 8 तक या 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चे स्कूल के अवकाश के दिनों को छोड़कर, स्थानीय निकायों द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में, सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रतिदिन निःशुल्क एक मध्याह्न भोजन पाने के पात्र होंगे ।

(ग) कुपोषण से पीड़ित बच्चों के पोषण संबंधी मानकों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार, स्थानीय आंगनबाड़ी के माध्यम से ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराएगी ।

 ग) खाद्य सुरक्षा भत्ता:

यदि किसी पात्र व्यक्ति को, अपेक्षित मात्रा में खाद्यान्न या भोजन की आपूर्ति नहीं हो रही है तो उन मामले में, ऐसा व्यक्ति संबंधित राज्य सरकार से, प्रत्येक व्यक्ति को दिये जाने वाले खाद्यान्न सुरक्षा भत्ते को प्राप्त करने का हकदार होगा । इसके लिए केन्द्रीय पूल से राज्य को कम खाद्यान्न आपूर्ति किए जाने की स्थिति में, केंद्र सरकार अपना कर्तव्य पूरा करने के लिए राज्य सरकार को आपूर्ति की कमी के हिसाब में फंड उपलब्ध कराएगी ।

घ)  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न की आवश्यकता:

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न की कुल आवश्यकता लगभग 614.26 लाख मीट्रिक टन की है। इसमें PDS के लिए 549.26 लाख मीट्रिक टन और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए 65.00 लाख मीट्रिक टन शामिल है ।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 http://indiacode.nic.in/acts-in-pdf/202013.pdf (pdf - 15,481 KB)  पर उपलब्ध है।