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अवलोकन कोविड 19 योजनाओं पर संक्षिप्त विवरण प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पी एम् जी के ए वाई ) नॉन एनएफएसए लाभार्थियों के लिए वर्ष 2022 - 23 हेतु योजना चैरिटेबल / एनजीओ आदि के लिए वर्ष 2021 - 22 हेतु योजना विभिन्न योजनाओं की एक झलक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) एवं अन्य कल्याणकारी योजनाएं (OWS) दालों का निपटान मासिक उठाव (FCI + DCP स्टॉक से) गेहूँ व चावल की खुली बाजार बिक्री योजना(घरेलू) खुली बाज़ार बिक्री योजना (घरेलू) के अंतर्गत एमपेनलमेंट एवं रजिस्ट्राशन हेतु गाइडलाइन्स मोटे अनाजों का वितरण व निपटान न जारी करने योग्य (अपग्रेडेबल) खादयान्न की बिक्री सभी योजनाओं के आवंटन एवं उठान के आँकड़े डिपो ऑनलाइन प्रणाली- एस ओ पी एम. ओ. यू.

बिक्री

अवलोकन

लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अतिरिक्त भारतीय खाद्य निगम, भारत सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं जैसे कि मिड-डे मील, गेहूँ आधारित पोषण कार्यक्रम, अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व. छात्रावास, कल्याणकारी संस्थाओं और छात्रावासों, अन्नपूर्णा, किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गाँधी योजना – ''सबला'' आदि के तहत खाद्यान्न जारी करता है। योजनावार विवरण  निम्नानुसार है:-

 मिड-डे मील स्कीम

 मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिनांक 15.08.1995 को मिड-डे मील स्कीम की शुरुआत प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों के नामांकन, उन्हे रोके रखने, उपस्थिति के साथ-साथ उनके पोषण स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई थी । इस स्कीम में फिलहाल सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के कक्षा पहली से आठवीं (I-VIII) तक के विद्यार्थी, शिक्षा गारंटी योजना/ वैकल्पिक और नवीन शिक्षा केन्द्र (ई.जी.एस./ए.आई.ई.) शामिल है ।

 गेहूँ आधारित पोषण कार्यक्रम (WBNP)

 इस स्कीम का कार्यान्वयन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है । इस स्कीम के अतंर्गत आबंटित किये जाने वाले खाद्यान्न का उपयोग राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती/ स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पौष्टिक/ऊर्जावान/भोजन उपलब्ध कराने के लिए समन्वित बाल विकास योजना (आई.सी.डी.एस.) के तहत किया जाता है ।

अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/ अति पिछड़ा वर्ग छात्रावासों के लिए खाद्यान्न आपूर्ति योजना

यह योजना अक्तूबर, 1994 में शुरू की गई थी । यदि छात्रावासों में रहने वाले दो तिहाई  छात्र अ.जा./ अ.ज.जा./ अ.पि.व. से हैं तो वे प्रतिमाह प्रति निवासी 15 किलो खाद्यान्न पाने के प्राप्त होंगे । खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा इस योजना के तहत खाद्यान्न का आवंटन , राज्य/ केन्द्र शासित सरकारों से प्राप्त अनुरोध पर किया जाता है ।

कल्याणकारी संस्थाओं के लिए खाद्यान्न आपूर्ति योजना

 कल्याणकारी संस्थाओं अर्थात् धर्मार्थ संस्थाओं जैसे भिक्षुक गृहों, नारी निकेतनों और इसी तरह के अन्य कल्याणकारी संस्थान जो लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली या अन्य किसी भी कल्याणकारी योजना के तहत नहीं आते हैं, उनकी आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों को खाद्यान्न (गेहूं और चावल) का अतिरिक्त आवंटन  बी.पी.एल. दामों पर किया जाता है जो बी.पी.एल. आवंटन  के 5% से अधिक नहीं होता है ।

अन्नपूर्णा योजना

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने, यह स्कीम वर्ष 2000-01 में आरंभ की थी । खाद्य और सार्वजिनक वितरण विभाग खाद्यान्नों का आवंटन  ग्रामीण विकास मंत्रालय की अनुमानित आवश्यकता के अनुसार करता है । 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के निर्धन वरिष्ठ नागरिक जिन्हें राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत पेंशन नहीं मिल रही है, उन्हे इस स्कीम के तहत 10 किलो खाद्यान्न प्रतिमाह प्रति व्यक्ति निःशुल्क प्रदान किया जाता है ।

किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना (RGSEAG)–'सबला'

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘सबला’ योजना की शुरुआत दिनांक 19.11.2010 को दो योजनाओं अर्थात् किशोरियों के लिए पोषण कार्यक्रम और किशोरी शक्ति योजना का विलय कर देश भर में चयनित 200 जिलों में एक नई योजना के रूप में की थी, जिसका उद्देश्य 11-18 वर्ष की किशोरियों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार और उनमें विभिन्न कौशल जैसे कि गृह कौशल, जीवन कौशलों और व्यवसायिक कौशल में उन्नति (अपग्रेडेशन) के द्वारा उन्हें सशक्त बनाना है । इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पोषण के लिए एक वर्ष में 300 दिनों के लिए प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 100 ग्राम अनाज की दर से खाद्यान्न देना अपेक्षित है ।

प्रतिरक्षा और अर्द्धसैनिक बलों के लिए खाद्यान्न की आपूर्ति:

भारतीय खाद्य निगम, प्रतिरक्षा कर्मियों और अर्द्धसैनिक बलों को तिमाही आधार पर खाद्यान्न की आपूर्ति करता है । उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय से खाद्यान्न की मांग प्राप्ति होने पर खाद्यान्न का आवंटन  करता है ।