बिक्री
अवलोकन
भारतीय खाद्य निगम का गुणवत्ता नियंत्रण विंग, खाद्यान्न के वर्गीकरण पर नजर रखता है । श्रेणी 'क' और 'ख' के अन्तर्गत आने वाला गेहूँ मानव उपभोग के लिए उपयुक्त होता है जबकि श्रेणी 'ग' और 'घ' का गेहूँ अपग्रेडेशन के बाद मानव उपयोग में लाया जा सकता है । चावल के मामले में, श्रेणी 'क', 'ख' और 'ग' का चावल मानव उपभोग के लिए उपयुक्त है और श्रेणी 'घ' का चावल केवल अपग्रेडेशन के बाद ही उपयोग में लाया जा सकता है। खाद्यान्न का वह स्टॉक जो मानव के प्रत्यक्ष उपभोग के योग्य नहीं है किन्तु अपग्रेडेशन के बाद जिसे मानव उपभोग के उपयोग में लाया जा सकता है वह गैर-जारी योग्य (अपग्रेडेबल) खाद्यान्न कहलाता है ।
जब यह पाया जाता है कि स्टॉक को अपग्रेड करना ऑपरेशनली और इकोनोमिकली संभव नहीं है और इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली/ अन्य कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से भी जारी नहीं किया जा सकता है, तो ऐसे स्टॉक का निपटान निविदा बिक्री के माध्यम से करने की सिफारिश की जाती है ।
उपयुक्त प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, महाप्रबन्धक (क्षेत्र) द्वारा ऐसे पहचाने गए स्टॉक के निपटारे के मामले में निविदा आमंत्रण सूचना (NIT) आमंत्रित की जाती है । स्टॉक की बिक्री के लिए नियम व शर्तें मॉडल निविदा फार्म द्वारा संचालित होती हैं ।