भण्डारण एवं अनुबंध
अवलोकन
भारतीय खाद्य निगम जैसे संगठन में भंडारण के कार्य को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इससे एक निश्चित समयावधि तक खाद्यान्न की एक बड़ी मात्रा को बनाए रखने की अपेक्षा की जाती है। भारतीय खाद्य निगम की भंडारण योजना मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा चलाई गई सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टॉक्स रखने के वास्ते भंडारण आवश्यकता को पूरा करना है। इसके अलावा, राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बफर स्टॉक भी बनाए रखना होता है। भारतीय खाद्य निगम को सौंपे गए नीतिगत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक भंडारण पहली आवश्यकता होती है जिसके लिए भारतीय खाद्य निगम के पास अखिल भारतीय स्तर के साइलों सहित रणनीतिक रूप से स्थापित भंडारण डिपुओं का एक नेटवर्क है।
अपनी भंडारण क्षमता के अलावा, भारतीय खाद्य निगम ने केंद्रीय भंडारण निगम, राज्य भंडारण निगम, राज्य एजेंसियों तथा प्राइवेट पार्टियों से अल्पावधि और निजी उद्यमी गारंटी योजना के तहत गारंटिड अवधि के लिए भंडारण क्षमताएं किराये पर ली है।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा नये गोदामों का निर्माण मुख्यतः निजी उद्यमी गारंटी योजना के तहत निजी भागीदारी के माध्यम से कराया जा रहा है। भारतीय खाद्य निगम भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिये साइलो के रूप में अपनी भंडारण क्षमता को बढ़ा रहा है और इसे आधुनिक बना रहा है।
पिछले दस वर्षों में 1st अप्रैल को केंद्रीय पूल स्टाक्स के लिए भंडारण क्षमताः निम्न प्रकार है:-
Fig in LMT |
|||
निम्न तिथि को |
भाखानि के पास भंडारण क्षमता |
राज्य एजेंसियां के पास भंडारण क्षमता |
योग |
01-04-2012 |
336.04 |
341.35 |
677.39 |
01-04-2013 |
377.35 |
354.28 |
731.63 |
01-04-2014 |
368.90 |
379.18 |
748.08 |
01-04-2015 |
356.63 |
352.59 |
709.22 |
01-04-2016 |
357.89 |
456.95 |
814.84 |
01-04-2017 |
352.71 |
420.22 |
772.93 |
01-04-2018 |
362.50 |
480.53 |
843.03 |
01-04-2019 |
388.65 |
467.03 |
855.68 |
01-04-2020 |
412.03 |
343.91 |
755.94 |
01.04.2021 |
414.70 |
403.26 |
817.96 |
01.04.2022 |
426.69 |
361.73 |
788.42 |
01.04.2023 | 337.43 | 376.16 | 711.59 |