सतर्कता
सतर्कता संबंधी दृष्टिकोण क्या है ?
निम्नलिखित कृत्यों से सतर्कता संबंधी दृष्टिकोण स्पष्ट हैः-
(i) किसी सरकारी कार्य के संबंध में वैध पारिश्रमिक से भिन्न परितोषण की मांग करना और/या परितोषण स्वीकार करना या किसी अन्य कर्मचारी के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करना।
(ii) किसी ऐसे व्यक्ति से प्रतिफल के बिना या अपर्याप्त प्रतिफल के साथ मूल्यवान वस्तु प्राप्त करना जिसके साथ उसका सरकारी संव्यवहार हो या संव्यवहार होने की संभावना हो या उसके अधीनस्थों का सरकारी संव्यवहार हो या जहां पर वह अपना प्रभाव डाल सकता हो।
(iii) स्वयं के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए भ्रष्ट या अवैध माध्यमों से या लोक सेवक के रूप में अपनी स्थिति का दुरूपयोग करते हुए कोई मूल्यवान वस्तु या आर्थिक लागत प्राप्त करना।
(iv) ज्ञात स्रोतों से आय की तुलना में अधिक परिसंपित्त रखना।
(v) दुर्विनियोजन, जालसाजी या धोखाधड़ी या अन्य इसी प्रकार के दांडिक अपराध।
परन्तु ऐसी अनियमितताएं भी होती हैं जहां यह राय बनाने के लिए कि क्या अधिकारी की निष्ठा संदिग्ध है या नहीं, परिस्थितियों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जायेगा। गंभीर या जानबूझकर लापरवाही, निर्णय लेने में लापरवाही, प्रक्रिया और पद्धतियों का बार-बार उल्लंघन करना, जहां कोई प्रत्यक्ष लोकिहत स्पष्ट नहीं हो, विवेक का आवश्यकता से अधिक उपयोग करना; नियंत्रक अधिकारी/वरिष्ठ अधिकारियों को यथा समय सूचना न देना-ये कुछ अनियमितताएं हैं जहां अनुशासनिक प्राधिकारी को मुख्य सतर्कता अधिकारी की सहायता से मामले का सावधानीपूर्वक अध्ययन करना चाहिए और इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए परिस्थितियों का मूल्यांकन करना चाहिए कि क्या संबंधित अधिकारी की निष्ठा पर संदेह करने के लिए युक्तियुक्त आधार है।
सतर्कता कार्यों का उद्देश्य संगठन में प्रबंधकीय क्षमता और प्रभावकारिता के स्तर को कम करना नहीं वरन उसे बढ़ाना है। वाणिज्यिक जोखिम उठाना व्यवसाय का हिस्सा है। इसलिए, संगठन को धन या धनेतर रूप में हुई प्रत्येक हानि को सतर्कता जांच की विषय वस्तु बनना आवश्यक नहीं। इस प्रकार, सामान्य समझदारी रखने वाले व्यक्ति, जो निर्धारित नियमों, विनयमों और अनुदेशों की सीमा के अंतर्गत कार्य करता है, ने विद्यमान स्थितियों में संगठन के वाणिज्यिक/प्रचालनात्मक हित में निर्णय लिया होगा, इस मामले की सदाशयता निर्धारित करने के लिए एक संभावित मापदण्ड होगा। इस प्रश्न का सकारात्मक उत्तर इस मामले की सदाशयता को निर्दिष्ट करता है किन्तु नकारात्मक उत्तर सदाशयता का अभाव इंगित करता है।
भूल-चूक के अनेक मामलों में सतर्कता संबंधी दृष्टिकोण नहीं होने का अभिप्राय यह नहीं है कि संबंधित अधिकारी अपने कार्यों के परिणामों के लिए उत्तरदायी नहीं है। ऐसी सभी चूकों के मामलों पर जिनमें सतर्कता संबंधी दृष्टिकोण नहीं बनता है। वास्तव में सेवा नियमावली के तहत अनुशासनिक कार्य विधि के अनुसार समुचित कार्रवाई की जाएगी।